रिश्तों की राजनीति- भाग 16
भाग 16
अभिजीत आराम करने के बाद शाम को शरवरी से मिलने चला जाता है। उसका चेहरा देखते ही शरवरी पहचान जाती है कि अभिजीत कुछ परेशान है। वो उसकी परेशानी का कारण पूछती है तो अभिजीत बात टाल देता है।
शरवरी अभिजीत से कहती है…..मेरे आई - बाबा तुम्हारे आई - बाबा से हमारी शादी की बात तय करने की सोच रहे हैं। हो सकता है इस रविवार को वो लोग आएं बात करने के लिए।
शरवरी हो सके तो उन्हें मना कर दो अभी शादी की बात करने के लिए। मेरी अभी-अभी नौकरी लगी है और वो भी मेरे मनमुताबिक नहीं है। जब तक मैं अच्छे से सेटल न हो जाऊं और सान्वी की शादी न कर दूँ, तब तक मैं खुद की शादी के बारे में सोचना भी नहीं चाहता।
अभिजीत वो सिर्फ शादी तय करने की बात कह रहे हैं, शादी की नहीं। साखरपुड़ा (सगाई) अभी कर लेंगे और शादी एक साल बाद कर लेंगे। उम्मीद है एक साल काफी होगा तुम्हारे सेटल होने और सान्वी की शादी के लिए।
माफ़ करना शरवरी लेकिन मैं अभी किसी भी बन्धन में बंधने के लिए तैयार नहीं हूँ। तुम मेरे चक्कर में अपना समय बर्बाद मत करो। अगर तुम्हें कोई और अच्छा लड़का मिलता है तो तुम उससे शादी कर लो।
शरवरी गुस्से से कहती है..….इसका मतलब तुमने मुझसे कभी प्यार किया ही नहीं। मैं ही एकतरफा प्यार में पागल हो रही थी।
शरवरी प्लीज ऐसे गुस्सा मत हो। तुम मेरी बचपन की दोस्त हो। मेरी कुछ निजी समस्याएं हैं, जब तक मैं उनका हल न निकाल लूँ, तुमसे क्या, मैं किसी और से भी शादी करने के बारे में नहीं सोच सकता।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करने के लिए तैयार हूँ अभिजीत।
लेकिन शरवरी मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे इंतज़ार के चक्कर में अपनी जिंदगी खराब करो।
अभिजीत तुमने मुझसे कभी प्यार किया है?
हाँ, मैंने तुमसे प्यार किया है, लेकिन सिर्फ एक दोस्त की तरह। जैसा प्यार फिल्मों में दिखाते हैं, वैसा तो अभी तक किसी से नहीं किया। मेरी शादी के लिए न करने की वजह तुमसे प्यार न होना नहीं है, कुछ और है। वैसे भी मेरा यह मानना है कि शादी के बाद अपने जीवनसाथी से प्यार हो ही जाता है। अगर मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक होता तो मैं तुम्हें शादी के लिए न नहीं कहता। खैर ये प्यार-व्यार की बातें छोड़ो और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो। मैं चलता हूँ शरवरी, मुझे एक जरुरी काम से कहीं जाना है।
अभिजीत शरवरी को उसके घर के पास छोड़कर आगे निकल जाता है। घर आकर शरवरी अभिजीत की कही हुई बातों का मतलब समझने की कोशिश कर रही होती है। बचपन से सब उसे अभिजीत को बायको(पत्नी) कहकर चिढ़ाते थे। दोनों के आई बाबा भी यही चाहते थे कि दोनों की शादी हो जाए। अभिजीत शादी के लिए मना सिर्फ अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के कारण कर रहा है। अगर अभी वो परेशान नहीं होता तो शादी के लिए हाँ कर देता।
एक बात समझ नहीं आ रही उसने यह क्यों कहा कि जब तक सान्वी की शादी नहीं हो जाती, वो तब तक शादी नहीं करेगा। सान्वी सुन्दर है, उसकी शादी तो चुटकियों में हो जायेगी, फिर वो उसकी शादी को लेकर इतना परेशान क्यों है? बाबा से कहती हूँ कि वो एक अच्छा सा लड़का सान्वी के लिए ढूँढे। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि सान्वी और उसकी शादी एक ही मंडप में हो। इधर से सान्वी विदा हो और उधर से शरवरी उस घर में दुल्हन बन कर जाए।
अगले दिन अभिजीत ऑफिस न जाकर अक्षय के घर जाता है उसके बाबा से बात करने के लिए। लेकिन बाहर तैनात सिक्योरिटी गार्ड उसे अंदर घुसने नहीं देते। तभी उसी वक़्त एक गाड़ी गेट से बाहर निकल रही होती है, वो जबरदस्ती गाड़ी के आगे जाकर गाड़ी रोकने की कोशिश करता है। गार्ड उसे खींचते हुए वहाँ से हटा रहे होते हैं कि तभी गाड़ी से उतरकर ड्राइवर बाहर आता है और गार्ड्स को रुकने का इशारा करता है। वो अभिजीत से कहता है…..सिद्धि ताई आपसे इस तरह जबरदस्ती गाड़ी रोकने की वजह जानना चाहती हैं।
मुझे जगताप पाटिल से मिलना है, उनके बेटे अक्षय के बारे में जरुरी बात करनी है।
ड्राइवर सिद्धि के कहने पर गाड़ी वापिस बंगले में ले जाता है और गार्ड्स को अभिजीत को अंदर आने देने के लिए कहता है।
बंगले की खूबसूरती देखकर अभिजीत की आँखें भी चुंधिया जाती है। उसे एक आदमी आकर लॉन में लें जाता है, वहाँ एक लड़की गुलाबी रंग की ड्रेस में गॉगल्स लगाये, फोन पर किसी से बात कर रही होती है।
तभी वो आदमी कहता है….सिद्धि ताई, ये अभिजीत है। अक्षय साहेब के बारे में बड़े साहेब से बात करने आया है।
जैसे ही वो गॉगल्स उतारकर मेज़ पर रखती है, अभिजीत उसकी आँखों को चंद सेकण्ड्स के लिए देखता ही रह जाता है, बड़ी-बड़ी गहरी सी आँखें होती है उसकी।
तभी उसकी मीठी सी आवाज़ उसे उसकी सोच से बाहर ले आती है। वो अपने नौकर से कह रही होती है…….ठीक है संतोष, तुम जाओ। दो कप चाय और पानी भेज देना साथ में।
वो अभिजीत से कहती है…..मैं जगताप पाटिल की बेटी और अक्षय की बड़ी बहन सिद्धि हूँ। बाबा और अक्षय इस समय घर पर नहीं है। अक्षय के बारे में आप मुझसे बात कर सकते हैं।
नमस्कार मैम! मेरी बहन सान्वी और अक्षय एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। अक्षय ने उसे प्यार के झूठे जाल में फंसाकर उसकी मासूमियत का नजायज फायदा उठाया है। पहले उसके साथ झूठमूठ की शादी रचाई और फिर उसके जूस में नशे की गोली मिल उसके साथ गलत हरकत की। उस दिन के बाद से उसने सान्वी से फोन पर बात करना, मिलना छोड़ दिया है। तबसे मेरी बहन का रो-रोकर बुरा हाल है।
आपकी बहन और मेरा भाई दोनों बालिग हैं। हो सकता है, उन दोनों के बीच जो भी हुआ हो वो आपसी सहमति से हुआ हो। आजकल तो यह आम बात है।
अभिजीत गुस्से से कहता है…..आपके परिवार के लिए शादी से पहले सम्बन्ध रखना आम बात होगी लेकिन हम मध्यमवर्गीय लोगों के लिए नहीं।
आप अपनी हद में रहकर बात करेंगे तो अच्छा रहेगा आपके लिए अभिजीत।
आप क्या चाहते हैं एक रात साथ गुजारने की एवज में मेरा भाई आपकी बहन से शादी कर ले?
वो तो उसे करनी ही पड़ेगी। उसने मुझसे खुद कहा था कि वो सान्वी से शादी करना चाहता है। मैंने उसे अच्छे से समझाया भी था कि मेरी बहन का पीछा छोड़ दे, लेकिन वो नहीं माना। उसने उसे शादी के झाँसे में फंसाकर, उसे धोखे में रखकर उसके साथ जबरदस्ती सम्बन्ध बनाए। कानून की नज़रों में जबरदस्ती शादी के नाम पर बनाए गए सम्बन्धों को बलात्कार ही कहते हैं। आप एक लड़की होकर अपने भाई की इस गलत हरकत की तरफदारी कैसे कर सकती हैं?
मैं अक्षय की किसी गलत हरकत में उसके साथ नहीं हूं, लेकिन मैं सिर्फ आपके कह देने भर से अपने भाई को गलत नहीं ठहरा सकती।
अभिजीत अपना मोबाइल निकालकर सिद्धि को अक्षय का भेजा हुआ मैसेज दिखाता है, जिसे देखकर सिद्धि की आँखें खुली की खुली रह जाती हैं।
❤सोनिया जाधव
Saba Rahman
26-Jul-2022 11:51 PM
Nice
Reply
Khan
26-Jul-2022 11:02 PM
Nice
Reply
Seema Priyadarshini sahay
26-Jul-2022 08:58 PM
बेहतरीन
Reply